जीवन सत्य
Motivational Speech In Hindi
जैसे मछली सागर के जल से घिरी है, ऐसे तुम
परमात्मा से घिरे हो, और मछली तो शायद
कभी दुर्घटनावश किसी मछुए के जाल में फंस
जाए तो जल के बाहर भी निकल आती है,
मगर तुम तो उसके जल के बाहर निकल ही
नहीं सकते, उसके अतिरिक्त कोई स्थान नहीं
है जहां तुम जा सको, वही हैं ! सब तरफ, सब
दिशाओं में! नीचे-ऊपर, आगे -पीछे! उसके
अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है।
हमेशा संदेह करने से
खुद का ही नुकसान होता है,
संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता न ही इस लोक में है
और न ही किसी और लोक में |
जो व्यक्ति जरूरत पडने पर ही बोलता है वो मूर्ख नहीं सबसे अधिक बुद्धिमान होता है बुद्धिमान लोग बेवजह ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते कम बोलिये और जितनी जरूरत हो उतनी ही बात कीजिये बेवजह दुनिया दारी करने से कुछ हासिल नहीं होगा।
जब मेहनत करने के बाद भी सपने पूरे नहीं होते,
तो रास्ते बदलिए सिद्धांत नहीं क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलते हैं जड़ नहीं…|
“गीता” में साफ शब्दों में लिखा है निराश मत होना कमजोर तेरा वक्त है “तू” नहीं।
समय जिसका साथ देता है वो बड़ों बड़ों को मात देता है अमीर के घर पर बैठा कौवा भी सबको मोर लगता है और गरीब का भूखा बच्चा भी सबको चोर लगता है इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं, चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।