Surya Arghya हमारे हिन्दू धर्म में सुबह उगते हुए सूर्य को जल देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों के मुताबिक, देवी देवताओं की संख्या 33 कोटि है। लेकिन इनमें से दो देवता ऐसे हैं जो पृथ्वी पर हर रोज दिखते हैं। सृष्टि जब से प्रारंभ हुई है लोग सूर्य और चंद्रमा की पूजा करते आ रहे हैं। वेदों और पुराणों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है। त्रेता युग में भगवान राम खुद सूर्य देव की पूजा करते थे और उन्हें जल से अर्घ्ध देते थे। महाभारत काल में पांडवों की माता कुंती सूर्य देव की भक्त थीं। कण भी नियमित रूप से सूर्य अर्घ्य देने के बाद दान करते थे। बहुत से लोग आज भी इसका पालन करते हैं। दरअसल, सूर्य को अर्घ्य देने के कई फायदे हैं। इसके पीछे धार्मिक मान्यता हीं नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी है। धार्मिक दृष्टि से बात करें तो बिना सूर्य को जल अर्पित किये भोजन करना महा पाप है।
Surya Arghya : उगते सूर्य को जल क्यों देते हैं जानिए क्या है महत्व, लाभ
इस बात का उल्लेख ‘स्कंद पुराण’ में मिलता है।
स्कंद पुराण में इस बात का उल्लेख संभवतः इसलिए किया गया है क्योंकि सूर्य और चन्द्र प्रत्यक्ष देवता हैं | इनकी किरणों से प्रकृति में संतुलन बना रहता है। इन्हीं के कारण अनाज और फल-फूल उत्पन्न होते हैं। इसलिए इनका आभार व्यक्त करने के लिए प्रातः काल जल अर्पित करने की बात कही गयी है।
धार्मिक कारण की अपेक्षा उगते सूर्य को जल देने के पीछे वैज्ञानिक कारण अधिक प्रभावी है। जल चिकित्सा और आयुर्वेद के अनुसार प्रातः कालीन सूर्य को सिर के ऊपर पानी का बर्तन ले जाकर जल अर्पित करना चाहिए। जल अर्पित करते समय अपनी दृष्टि जलधार के बीच में रखें ताकि जल से छनकर सूर्य की किरणें दोनों आंखों के मध्य में आज्ञाचक्र पर पड़े। इससे आंखों की रोशनी और बौद्घिक क्षमता बढ़ती है जल से छनकर सूर्य की किरणें जब शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर में उर्जा का संचार होता है। शरीर में रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है साथ ही आस-पास सकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है |
आधुनिक विज्ञान – जब हम सूर्य को जल चढ़ाते हैं और पानी की धारा के बीच उगते सूरज को देखते हैं तो नेत्र ज्योति बढ़ती है, पानी के बीच से होकर आने वाली सूर्य की किरणों जब शरीर पर पड़ती हैं तो इसकी किरणों के रंगों का भी हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है | जिससे विटामिन डी जैसे कई गुण भी मौजूद होते हैं. इसलिए कहा गया है कि जो उगते सूर्य को जल चढ़ाता है उसमें सूर्य जैसा तेज आता है
अगर हम ज्योतिष शास्त्र की माने तो ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि कुण्डली में सूर्य कमज़ोर स्थिति में होने पर उगते सूर्य को जल देना चाहिए। सूर्य के मजबूत होने से शरीर स्वस्थ और उर्जावान रहता है। इससे सफलता के रास्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
जरा गौर करें, हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। ये इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारी परम्पराओं को समझने के लिए जिस विज्ञान की आवश्यकता है वो हमें पढ़ाया नहीं जाता और विज्ञान के नाम पर जो हमें पढ़ाया जा रहा है उस से हम अपनी परम्पराओं को समझ नहीं सकते |
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Hi My Name is Mahi Singh, I Am Singer And Motivational Speaker Of BTX Bhakti Group !!
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